Saturday 21 July 2012

इंदिरा गाँधी की मौत शायद एक षड्यंत्र


अब ज़रा इस परिवार के अन्दर के षड्यंत्रकारियों और सत्ता हथ्याने की उनकी चालाकियों के बारे में जान लिया जाये!
इंदिरा गाँधी को बेशक गोलिया मरी गयी थी लेकिन उनकी मृत्यु उनके दिल या दिमाग को गोलियां द्वारा बेधने से नहीं हुई, बल्कि बहुत ज्यादा खून बह जाने के कारण हुई थी! जब इंदिरा गाँधी को गोली लग चुकी थी तब सोनिया गाँधी ने अजीब व्यवहार करते हुए बजाय इंदिरा को एम्स ले जाने के
(जहाँ इस तरह कि घटनाओ से निपटने के लिए प्रोटोकॉल था), बल्कि उसकी विपरीत दिशा में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में ले जाने पर जोर दिया! और बाद में अपना मन बदलते हुए फिर से फैसला बदला और इंदिरा को एम्स लाया गया!
इस बीच करीब 24 मिनट बर्बाद हुए!
जब एक एक सेकण्ड मौत करीब आ रही हो तब 24 मिनट की कीमत शायद सोनिया अच्छे से जानती थी!

अब ये तो भगवान् ही जानते होंगे कि ये सोनिया की मुर्खता थी या अपने पति को सत्ता दिलवाने के लिए की गयी चालाकी!

अच्छा अब जरा इस पर ध्यान दें!

राजेश पायलट और माधव राव सिंधिया प्रधानमंत्री पद के लिए मजबूत दावेदार थे और वे सोनिया गांधी की सत्ता के रास्ते में रोड़ा थे. दोनों की ही रहस्यमय दुर्घटनाओं में मृत्यु हो गई!

इस बात की और इशारा करने वाले भी पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं कि माइनो परिवार(सोनिया गाँधी का इटालियन परिवार, जिसमे इटालियन माफिया भी शामिल है ) ने ही राजीव गांधी की हत्या के लिए लिट्टे समुदाय को अनुबंधित किया!
आजकल, सोनिया गांधी एमडीएमके, पीएमके और द्रमुक जैसे पार्टियों के साथ राजनीतिक गठबंधन करती है जो राजीव गांधी के हत्यारों की प्रशंशा करने में नहीं शर्माते थे! कम से कम एक भारतीय विधवा तो ऐसा कभी नहीं करेगी!
राजीव की हत्या में सोनिया की भागीदारी के लिए एक जांच की जानी चाहिए !

विस्तार से जानने के लिए आप डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी की पुस्तक “Assassination Of Rajiv Gandhi — Unasked Questions and Unanswered Queries” (ISBN : 81-220-0591-8) पढ़ सकते हैं!. यह इस तरह के षड्यंत्र का संकेत करती है!

एक माँ की ममत्व के लिए कलंकित एक उदाहरण -- जब संजय गाँधी कि प्लेन दुर्घंतना के साथ उसकी मौत कि खबर इंदिरा गाँधी तक पहुंची तो इंदिरा गाँधी के पहले बोल थे- उसकी घडी और चाबियाँ कहाँ है!
अवस्य ही उन वस्तुवों में भी इस खानदान के कुछ राज छुपे हुए होंगे!

अब संदेह होना लाजमी है या नहीं!


और वो रहस्य था उनकी काली कमाई का जी हां आप ठीक सोच रहे है ..........पैसो का
जब संजय गाँधी की मौत हुयी उस वक्त इंदिरा गाँधी अपने बेटे की मौत पर शोक मानाने के बजाय उसकी घडी और किसी चाभी को ढूंड रही थी ............पर वो नहीं मिलीं .............क्यों ???????????

क्यूंकि वो उनकी पत्नी मेनका ने पहले ही उतार ली थी ..................क्या आप जानते है की मेनका गांधी और इंदिरा गाँधी के बिच रिश्ते कभी सामान्य क्यों नही रहे .........उसकी वजह पैसा है
हर पत्नी अपने पति के राज जानती है ..........उसी तरह मेनका भी जानती थी की उनके पति के हाथ मैं बंधी घडी मैं उनके स्विस बैंक के कुछ राज है ,,,,,,इसलिए जब संजय की मृत्यु हुई तो उन्होंने वो घडी उतार कर बजाय इंदिरा गाधीं के देने के अपनी माँ को दे दिया ............जिसपर इंदिरा उनसे बहुत नाराज हुई और उन्हें पी यम हाउस से बहार का रास्ता दिखा दिया ,,,,,,,और जीवन भर मेनका और उसके बेटे वरुण से कोई सम्बन्ध नहीं रखा ......

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