स्विसपत्रिका
Schweizer Illustrierte के 11 नवंबर 1991 में जरी संस्करण के अनुसार, उस समय राहुल गाँधी के नाम से एक अकाउंट
में दो बिलियन अमेरिकी डालर जमा थे जिसका संचालन सोनिया गाँधी किया करती थी! 2006 में
स्विस बैंकिंग एसोसिएशन कि एक रिपोर्ट से पता चला कि भारतीय नागरिकों के संयुक्त जमा अभी
a true story of gandhi parivaar in india and more like sonia gandhi all over the world. दुनिया की कुछ ऐसी जानकारी जिनके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा !
Saturday 21 July 2012
भारत में इमरजेंसी का असली कारण
अब उस
इमरजेंसी की बात करते हैं जिसे इंदिरा गाँधी ने भारत में घोषित कर दिया था!
इसका
कारण कुछ और ही था! हुआ ये कि 12 जून 1975, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने
पाया कि इंदिरा गाँधी ने अपने चुनाव अभियान के दोरान
सरकारी मशीनरी का जमकर दुरूपयोग किया था और इसके लिए उसे दोषी करार
दे दिया गया! उच्च न्यायालय ने इंदिरा गाँधी
गाँधी परिवार की डिग्रिया.....!
अब इस
खानदान की डिग्रियाँ देखिये ...............................
प्रधानमन्त्री बनने के बाद राजीव गाँधी ने लन्दन की एक प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में अपने-आप को पारसी की सन्तान बताया था, जबकि पारसियों से उनका कोई लेना-देना ही नहीं था,क्योंकि वे तो एक मुस्लिम की सन्तान थे जिसने नाम बदलकर पारसी उपनाम रख लिया था । हमें बताया गया है कि राजीव गाँधी केम्ब्रिज विश्वविद्यालय के स्नातक थे, यह अर्धसत्य है... ये तो सच है कि राजीव केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में
प्रधानमन्त्री बनने के बाद राजीव गाँधी ने लन्दन की एक प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में अपने-आप को पारसी की सन्तान बताया था, जबकि पारसियों से उनका कोई लेना-देना ही नहीं था,क्योंकि वे तो एक मुस्लिम की सन्तान थे जिसने नाम बदलकर पारसी उपनाम रख लिया था । हमें बताया गया है कि राजीव गाँधी केम्ब्रिज विश्वविद्यालय के स्नातक थे, यह अर्धसत्य है... ये तो सच है कि राजीव केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में
फिरोज गाँधी का इतिहास
अब
चलते है राजीव गाँधी के पिता फिरोज गाँधी के इतिहास के बारे मैं कुछ जानने
....................
अपनी पुस्तक "द नेहरू डायनेस्टी" में लेखक के.एन.राव लिखते हैं....ऐसा माना जाता है कि जवाहरलाल, मोतीलाल नेहरू के पुत्र थे और मोतीलाल के पिता का नाम था गंगाधर ।
यह तो हम जानते ही हैं कि जवाहरलाल की एक पुत्री थी इन्दिरा प्रियदर्शिनी नेहरू । कमला नेहरू उनकी माता का नाम था, जिनकी मृत्यु
अपनी पुस्तक "द नेहरू डायनेस्टी" में लेखक के.एन.राव लिखते हैं....ऐसा माना जाता है कि जवाहरलाल, मोतीलाल नेहरू के पुत्र थे और मोतीलाल के पिता का नाम था गंगाधर ।
यह तो हम जानते ही हैं कि जवाहरलाल की एक पुत्री थी इन्दिरा प्रियदर्शिनी नेहरू । कमला नेहरू उनकी माता का नाम था, जिनकी मृत्यु
इंदिरा गाँधी की मौत शायद एक षड्यंत्र
अब ज़रा इस परिवार के अन्दर के षड्यंत्रकारियों और सत्ता हथ्याने की
उनकी चालाकियों के बारे में जान लिया जाये!
इंदिरा गाँधी को बेशक गोलिया मरी गयी थी लेकिन उनकी मृत्यु उनके दिल या दिमाग को गोलियां द्वारा बेधने से नहीं हुई, बल्कि बहुत ज्यादा खून बह
जाने के कारण हुई थी! जब इंदिरा गाँधी को गोली लग चुकी थी तब सोनिया गाँधी ने अजीब व्यवहार करते हुए बजाय इंदिरा को एम्स ले जाने के
कौन किसका बेटा है और किसका बाप कौन है
अब बात करते हैं
इस परिवार के उस झोल-झाल की जो आपने किसी हिंदी सिनेमा में भी नहीं देखा होगा! कौन किसका बेटा है और किसका बाप
कौन है! शायद इन्हें खुद भी नहीं पता होगा! अब इंदिरा गाँधी
को हुए दो बेटे! राजीव गाँधी और संजय गाँधी!
संजय गाँधी का असली नाम
संजय गाँधी का असली नाम
श्रधा माता के बारे मैं
"१९४८
में वाराणसी से एक सन्यासिन दिल्ली आई जिसका काल्पनिक नाम श्रद्धा माता था । वह
संस्कृत की विद्वान थी और कई सांसद उसके व्याख्यान सुनने को बेताब रहते थे । वह भारतीय पुरालेखों और सनातन
संस्कृति की अच्छी जानकार थी । नेहरू के पुराने कर्मचारी एस.डी.उपाध्याय ने एक
हिन्दी का पत्र नेहरू को सौंपा जिसके कारण नेहरू उस सन्यासिन को एक इंटरव्यू
देने को राजी हुए । चूँकि देश तब आजाद हुआ ही था और काम बहुत था, नेहरू ने
नेहरु परिवार के आदरणीय लोगो का चरित्र चित्रण !
अब ज़रा इस
परिवार के बहुत ही ज्यादा आदरनीय लोगो के चरित्र पर प्रकाश डालता हूँ !
भारतीय सिविल
सेवा के एम ओ मथाई जिन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निजी सचिव के रूप में भी कार्य किया. मथाई जी ने एक
पुस्तक “Reminiscences of the Nehru Age”(ISBN-13: 9780706906219) 'लिखी !
किताब से पता चलता है कि वहाँ जवाहर लाल नेहरू और माउंटबेटन एडविना (भारत, लुईस माउंटबेटन को अंतिम वायसराय की पत्नी) के बीच गहन प्रेम प्रसंग था..
किताब से पता चलता है कि वहाँ जवाहर लाल नेहरू और माउंटबेटन एडविना (भारत, लुईस माउंटबेटन को अंतिम वायसराय की पत्नी) के बीच गहन प्रेम प्रसंग था..
भारत पर राज करते एक परिवार का सच-एक अनसुलझी पहेली!
भारत को आजाद हुए 64साल हो चुके हैं! और इन सालों में ज्यादातर समय तक एक ही वंश ने शासन किया है!
वो वंश है भारत के पहले
प्रधानमंत्री का! लेकिन आज देश का एक बहुत बड़ा तबका इस खानदान पर सवाल खड़े कर चूका है! आइये जानते हैं इसी वंश से जुडी कुछ संदेहास्पद बातों के बारे में!
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